पाकिस्तान के जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर पर तीखा तंज कसते हुए कहा है कि उन्हें फील्ड मार्शल नहीं, बल्कि खुद को ‘राजा’ घोषित कर देना चाहिए था, क्योंकि इस समय पाकिस्तान में ‘जंगल का कानून’ चल रहा है। जनरल मुनीर को हाल ही में भारत के साथ हालिया संघर्ष में उनकी भूमिका के चलते फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत किया गया है। वह देश के इतिहास में इस पद पर पहुंचने वाले दूसरे सैन्य अधिकारी बन गए हैं।
‘मेरे साथ कोई सौदा नहीं हुआ’
इमरान खान ने यह भी साफ किया कि उनके और सत्ता प्रतिष्ठान के बीच किसी भी प्रकार की कोई डील (सौदा) नहीं हुई है। ‘मेरे साथ न कोई सौदा हुआ है, न ही कोई बातचीत चल रही है। ये सब झूठी अफवाहें हैं।’ हालांकि उन्होंने सेना से खुले तौर पर बातचीत की पेशकश की और कहा कि अगर वाकई में पाकिस्तान की फिक्र है, तो बात जरूर होनी चाहिए। इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान को इस वक्त बाहरी खतरों, बढ़ते आतंकवाद और आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, ‘हमें एकजुट होना होगा। मैंने कभी अपने लिए कुछ नहीं मांगा, और अब भी नहीं मांगूंगा’।
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भारत से हमले की चेतावनी
इमरान खान ने सरकार को चेताया कि भारत की ओर से एक और हमला हो सकता है और इसके लिए सरकार को पूरी तैयारी रखनी चाहिए। इस दौरान इमरान ने कहा कि पाकिस्तान में अब कानून सिर्फ कमजोरों के लिए लागू होता है, जबकि ताकतवर लोगों को छूट मिली हुई है। उन्होंने राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की बहन का जिक्र करते हुए कहा कि उनके खिलाफ पांच फ्लैट्स के केस हैं, जो कर्मचारियों के नाम पर हैं, लेकिन वह विदेश में हैं और कोई उनसे सवाल नहीं करता। उन्होंने कहा, ‘शहबाज शरीफ के खिलाफ 22 अरब रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग का केस था, फिर भी उन्हें प्रधानमंत्री बना दिया गया’।
‘लोकतंत्र की आत्मा को कुचला जा रहा है’
इमरान खान ने कहा कि बीते तीन वर्षों में पाकिस्तान का नैतिक और संवैधानिक ढांचा पूरी तरह से तबाह हो गया है। इमरान ने कहा, तोशखाना-2 केस का मजाक बनाकर दोबारा ट्रायल शुरू किया गया है। जेल में कोर्ट की कार्यवाही एक कर्नल की मर्जी से होती है। मेरी बहनों और वकीलों को कोर्ट में नहीं आने दिया जाता, साथियों को मुझसे मिलने नहीं दिया जाता, महीनों से बच्चों से बात नहीं करने दी गई, किताबें और डॉक्टर तक नहीं पहुंचने दिए जा रहे। ये सब कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन है’।
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‘ड्रोन हमले रोकने के निर्देश’
उन्होंने दावा किया कि उन्हें खबर मिली है कि खैबर पख्तूनख्वा में ड्रोन हमले किए जा रहे हैं। उन्होंने वहां की प्रांतीय सरकार को निर्देश दिए कि वह इन हमलों पर केंद्र सरकार से औपचारिक विरोध जताए और इन्हें तुरंत रोके। उन्होंने कहा, ‘ड्रोन हमलों में निर्दोष नागरिक मारे जा रहे हैं, जिससे आतंकवाद कम नहीं होता, बल्कि और बढ़ता है। हमने सालों की मेहनत से अमेरिका के ड्रोन हमले बंद कराए थे। अगर आप वाकई आतंकवाद के खिलाफ हैं, तो अपने ही लोगों के घरों पर बम मत गिराओ’।