बदायूं में आंधी-तूफान का कहर… मिंट ऑयल फैक्ट्री में लगी भीषण आग, 250 वर्कर थे मौजूद, कई KM दूर तक दिखीं लपटें – Storm wreaks havoc in Badaun Huge fire breaks out in bharat Mint Oil factory many workers injured flames visible several KM lclam

उत्तर प्रदेश के बदायूं में बीती रात आए तेज आंधी-तूफान के कारण भारत मिंट ऑयल फैक्ट्री का एक हिस्सा गिर गया, जिसके चलते मेंथा फैक्ट्री में आग लग गई. देखते-देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया और फैक्ट्री में काम कर रहे लगभग 250 वर्कर्स को चपेट में ले लिया. अचानक लगी इस आग के बाद फैक्ट्री में भगदड़ मच गई और जिस वर्कर को जहां जगह मिली वहीं से वह बाहर की ओर भागा.
प्रत्यक्षदर्शी वर्कर्स के मुताबिक, इस हादसे में काफी लोग फैक्ट्री के मलबे में दब गए और आग में झुलस गए. कई लोग घायल हुए हैं, जिन्हें राजकीय मेडिकल कॉलेज और उझानी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है. हालांकि, बदायूं के जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने किसी भी वर्कर की मौत होने से इनकार किया है. घटना के 6 घंटे बाद तक आग पर काबू नहीं पाया जा सका था. आग इतनी विकराल थी कि कई किलोमीटर दूर तक लपटें देखी जा सकती थीं.
जिला प्रशासन का कहना है कि आग बुझाने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी कि इस दुर्घटना में कितने लोग हताहत हुए हैं. सबसे बड़ी बात यह रही कि इतने विकराल अग्निकांड के बाद भी प्रशासन के अधिकारी 3 घंटे बाद मौके पर पहुंचे. फैक्ट्री के अंदर फंसे वर्कर्स के परिजनों ने प्रशासन पर अनदेखी और लापरवाही के आरोप लगाए हैं.
कूड़ा नरसिंहपुर गांव के रहने वाले प्रेम पाल सिंह के तीन पुत्र भारत मेंथा आयल फैक्ट्री में काम करते थे, जिनमें से पुष्पेंद्र कुमार और जोगिंदर कुमार तो आग लगने के बाद किसी तरह से बाहर निकल आए किंतु उनका छोटा भाई मुनेंद्र कुमार(24) फैक्ट्री के मलबे में दब गया. प्रत्यक्षदर्शी पुष्पेंद्र और जोगिंदर ने बताया कि तेज आंधी और तूफान के चलते जब फैक्ट्री का एक हिस्सा गिरा तो उसके नीचे उनका भाई मुनेंद्र दब गया. उन्होंने बताया कि फैक्ट्री का एक हिस्सा गिरने के बाद वहां रखे मेंथा आयल के ड्रम में आग लग गई, जिससे आग ने और विकराल रूप ले लिया.
दोनों ने अपने भाई मुनेंद्र को बचाने का काफी प्रयास किया किंतु तब तक आग पूरी फैक्ट्री में फैल चुकी थी और वे भाई को नहीं बचा सके. उन्होंने बताया कि 11:30 बजे तक मनिंदर के मोबाइल पर घंटी जाती रही उसके बाद उसका मोबाइल बंद हो गया. उधर, फैक्ट्री में काम करने वाले सुल्तान ने बताया कि इस फैक्ट्री में लगभग ढाई सौ वर्कर काम करते हैं और यह फैक्ट्री 24 घंटे लगातार चलती है, इसमें मेंथा आयल से क्रिस्टल, बोल्ड, डीएमओ, एक्सपरमेंट कार्बन एवं मेंथा आयल के अन्य उत्पाद बनाये जाते हैं.
प्रत्यक्षदर्शी सुल्तान के मुताबिक, घटना के समय लगभग 250 लोग फैक्ट्री में मौजूद थे. फैक्ट्री का एक हिस्सा आंधी तूफान से गिरने के बाद 10 मिनट में फैक्ट्री में भीषण आग लग गई और वे लोग किसी तरह जान बचाकर बाहर निकले.
वहीं, हाइड्रोजन गैस के सिलेंडर लेकर ट्रक से फैक्ट्री में पहुंचे हरियाणा निवासी ड्राइवर राजकुमार ने बताया कि वह ट्रक अनलोड करवा रहा था तभी अचानक फैक्ट्री का एक हिस्सा टूटकर गिरा और उसके बाद भीषण आग लग गई. वह किसी तरह फैक्ट्री की दीवार फांदकर बाहर कूद गया जिससे उसका पैर टूट गया. राजकीय मेडिकल कॉलेज में उसका इलाज चल रहा है.
इस पूरे मामले में जिलाधिकारी अवनीश कुमार राय ने बताया है कि उझानी क्षेत्र में स्थित भारत मिंट ऑयल में रात को आग लगने के बाद आसपास के गांव को खाली कराया गया है. खतरे की संभावना को देखते हुए जनपद के साथ-साथ बरेली से फायर ब्रिगेड की गाड़ियां और एंबुलेंस मंगवाई गई हैं. उन्होंने आगे बताया कि अभी तक इस अग्निकांड में किसी के मरने की कोई जानकारी नहीं है. एक ड्राइवर का पैर टूटा है जिसको राजकीय मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है.
जिलाधिकारी ने बताया कि फायर ब्रिगेड की 20 गाड़ियां आग बुझाने में लगाई गईं. आग बुझने के बाद ही इस दुर्घटना में हताहत हुए लोगों के बारे में तथा आग लगने के कारणों के बारे में कुछ कहा जा सकेगा. जब जिलाधिकारी से पूछा गया कि मुनेंद्र के भाई पुष्पेंद्र और जोगिंदर ने अपनी आंखों के सामने अपने भाई मुनेंद्र को मरते हुए देखा है, तो जिलाधिकारी ने कहा कि उनको ऐसी कोई जानकारी नहीं है, जब तक आग नहीं बुझेगी तब तक कुछ भी नहीं कहा जा सकता है.
वहीं, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बृजेश सिंह ने बताया कि भारत मिंट ऑयल में लगी विकराल आज को बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड की गाड़ियां और कई थानों की पुलिस प्रयास कर रही हैं. उन्होंने कहा कि सुबह तक आग बुझाई जा सकेगी, उसके बाद फैक्ट्री में हुए जान माल के नुकसान का आकलन किया जाएगा. फिलहाल, इस अग्निकांड के पीड़ित लोगों के परिजनों को प्रशासन से बहुत शिकायत है. अभी तक प्रशासन का कोई भी प्रतिनिधि उनको सांत्वना देने नहीं आया है.