भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत महज 25 मिनट में सटीक हमला करते हुए आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालयों समेत आतंकी प्रशिक्षण के नौ मरकजों को खाक में मिला दिया। हमले के बाद सरकार ने आज सुबह 11 बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इसकी अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह और संसदीय मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू भी मौजूद रहेंगे। इस दौरान विपक्ष के नेताओं को जवाबी कार्रवाई और भविष्य की तैयारियों की जानकारी दी जाएगी।
बैठक में पीएम मोदी के शामिल होने की मांग
वहीं, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि हमने 24 अप्रैल को भी प्रधानमंत्री से मीटिंग में शामिल होने की मांग की थी, लेकिन वे नहीं आए। इस बार कम से कम उन्हें आना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत की राष्ट्रीय नीति पाकिस्तान और पीओके से आने वाले सभी प्रकार के आतंकवाद के खिलाफ स्पष्ट और मजबूत है। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी इस बैठक में शामिल होंगे।
कांग्रेस ने सभी तय कार्यक्रम रोके
कांग्रेस ने आतंकवाद के खिलाफ सरकार को पूरा समर्थन और सेना के साथ एकजुटता दिखाते हुए ‘संविधान बचाओ रैलियों’ समेत पार्टी के सभी तय कार्यक्रम रोक दिए हैं।
पीएम ने तीन देशों का दौरा टाला
तनाव के माहौल में पीएम मोदी ने तीन देशों का दौरा रद्द कर दिया है। पीएम 13 से 17 मई तक नॉर्वे, क्रोएशिया और नीदरलैंड के दौरे पर जाने वाले थे।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की हरकतों पर पैनी नजर रख रही सेना
ऑपरेशन सिंदूर के बाद सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सेना की गतिविधियों को लेकर स्थानीय बलों के साथ लगातार संपर्क में हैं। पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमलों के बाद पाकिस्तान की ओर से युद्धविराम उल्लंघन पर कड़ी नजर रखी जा रही है। रक्षा अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि सेना और सुरक्षा बल पाकिस्तान की किसी भी संभावित गलत हरकत के लिए हाई अलर्ट पर हैं।
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ऑपरेशन सिंदूर, दहल उठा पाकिस्तान
गौरतलब है कि 6 से 7 मई की दरमियानी रात को 1:05 बजे से लेकर 1:30 बजे तक सशस्त्र बलों ने ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया। 25 मिनट के इस ऑपरेशन में 24 मिसाइलों के जरिए नौ आतंकी शिविरों को ध्वस्त कर दिया गया। इन नौ ठिकानों में से पांच पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में थे, वहीं चार पाकिस्तान में थे। इन ठिकानों में आतंकियों को भर्ती किया जाता था। उन्हें प्रशिक्षित किया जाता था। इतना ही नहीं भारतीय सेना के इस कार्रवाई में आतंकी मसूद अजहर के परिवार के दस लोगों की मौत हो गई।
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