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Ghaziabad Sub Inspector Dead – गाजियाबाद में आंधी-पानी से ACP दफ्तर की छत गिरी, सब-इंस्पेक्टर की मलबे में दबकर हुई मौत – ACP office roof collapsed due to storm and rain in Ghaziabad sub inspector died after being buried under the debris ntc

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दिल्ली-एनसीआर में शनिवार देर रात तेज हवाओं के साफ भारी बारिश हुई. आईएमडी ने शनिवार को दिल्ली और आसपास के इलाकों में पश्चिम और उत्तर-पश्चिम से आने वाले तूफान की चेतावनी दी थी. इसके कुछ घंटों बाद ही तेज आंधी और गरज-चमक के साथ बारिश होने लगी. हवा की रफ्तार 70 किमी प्रति घंटे और कहीं-कहीं उससे ज्यादा थी. राष्ट्रीय राजधानी समेत नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा में  कई जगह पेड़ जड़ से उखड़ गए, तो कहीं टहनियां टूट गईं.  

गाजियाबाद में एक दर्दनाक हादसा हो गया. अंकुर विहार एसीपी दफ्तर के कमरे की छत अचानक भरभराकर गिर गई. छत के मलबे के नीचे दबकर कमरे में सो रहे सब-इंस्पेक्टर वीरेंद्र कुमार मिश्रा (58) की मौत हो गई. जानकारी के मुताबिक, बारिश के चलते एसीपी दफ्तर का छत गिर गया. सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची. उपनिरीक्षक का फोन नहीं लगा और कमरे का दरवाजा खुला होने पर शक हुआ तो तलाशी शुरू हुई. वीरेंद्र कुमार मिश्रा मलबे के नीचे दबे मिले. उनकी मौत हो चुकी थी. पुलिस ने शव को मलबे से बाहर निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा. 

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Sub-Inspector Virendra Mishra

बारिश से पहले धूल भरी आंधी चली. तेज हवाओं के कारण सूखी टहनियां टूटकर गिर गईं. अधिकारियों ने निवासियों से सतर्क रहने और सुरक्षा निर्देशों का पालन करने को कहा है क्योंकि पूरे क्षेत्र में मौसम अस्थिर बना हुआ है. भारी बारिश और आंधी के बाद रविवार की सुबह राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के कई इलाकों में भयंकर जलभराव की स्थिति रही. प्रभावित इलाकों में मोती बाग, मिंटो रोड और दिल्ली एयरपोर्ट टर्मिनल 1 के पास के इलाके भी शामिल हैं. दिल्ली के मिंटो रोड से आई तस्वीरों में भारी बारिश के कारण हुए जलभराव में एक कार डूबी हुई दिखाई दी. 

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यह एक सप्ताह से भी कम समय में दूसरा बड़ा तूफान था. इससे पहले 21 मई को दिल्ली-एनसीआर में तेज हवाएं और धूल भरी आंधी चली थी. हवा की गति 50-60 किमी/घंटा से शुरू होकर 70 किमी/घंटा तक पहुंच गई थी. इसके पीछे पश्चिमी विक्षोभ और काल बैसाखी को कारण माना जा रहा है.  नॉरवेस्टर (Nor’wester), जिसे भारत में काल बैसाखी के नाम से भी जाना जाता है, एक भयंकर तूफान है जो मुख्य रूप से पूर्वी भारत में, आमतौर पर पश्चिम बंगाल, ओडिशा, असम, झारखंड और बिहार तथा बांग्लादेश में, अप्रैल और मई में प्री-मानसून सीजन के दौरान आता है.

नॉरवेस्टर शब्द उत्तर-पश्चिम से पूर्व की ओर तूफान की विशिष्ट गति को दर्शाता है. जबकि काल बैसाखी एक स्थानीय नाम है जिसका मतलब ‘बैसाख महीने की आपदा’ (अप्रैल-मई) होता है, जो इसकी विनाशकारी प्रकृति को दर्शाता है.काल बैसाखी या नॉरवेस्टर तूफान अचानक तेज बारिश लेकर आते हैं, जिससे जलभराव की समस्या आ सकती है. कल देर रात करीब 2 बजे दिल्ली एनसीआर में भी ऐसी ही बारिश देखने को मिली.



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