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नोएडा पहुंच गया कोरोना वायरस, दिल्ली-मुंबई समेत बड़े शहरों में भी बढ़े केस, ऑक्सीजन सिलेंडर-बेड के लिए ये निर्देश – corona cases increase Kerala Mumbai Delhi hospitals told to keep beds oxygen ready lcly

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देश में एक बार फिर से कोविड-19 के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है. शहरी क्षेत्रों में कोरोना धीरे-धीरे वापसी कर रहा है. जिसके चलते दिल्ली, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों ने अस्पतालों को अलर्ट पर रखा है. दिल्ली, महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक जैसे राज्यों में इस महीने नए मामले दर्ज किए हैं. वहीं, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में तीन साल में पहली बार कोरोना वायरस के मामले (23) दर्ज किए गए हैं. 

हालांकि, राहत की बात यह है कि अभी तक कोरोना सें संक्रमित ज़्यादातर मरीजों में हल्के लक्षण ही दिखाई दे रहे हैं. साथ ही अभी तक संक्रमित किसी भी मरीज के मौत की खबर भी नहीं आई है. दक्षिण एशिया में कोविड मामलों में उछाल संभवतः JN.1 वैरिएंट (ओमिक्रॉन का एक उप-वैरिएंट) के प्रसार के कारण हो रहा है. एक्सपर्ट्स की माने तो यह वायरस काफी “सक्रिय” है, लेकिन इसे अभी तक विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा “चिंताजनक वैरिएंट” के रूप में वर्गीकृत नहीं किया गया है.

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तीन-चार दिन में ठीक हो जा रहे हैं मरीज

कोरोना के JN.1 वैरिएंट से संक्रमित मरीजों में लक्षण आमतौर पर हल्के होते हैं और संक्रमित व्यक्ति चार दिनों के भीतर ठीक हो जाता है. कुछ सामान्य लक्षणों में बुखार, नाक बहना, गले में खराश, सिरदर्द, थकान, थकावट शामिल हैं. हालांकि दिल्ली में कोरोना वायरस के 23 मामले सामने आए हैं, जिसके बाद भाजपा सरकार ने अस्पतालों को बेड, ऑक्सीजन सिलेंडर, टेस्टिंग किट और वैक्सीन की उपलब्धता बनाए रखने का निर्देश दिया है. स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह ने कहा कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि नवीनतम वैरिएंट “केवल एक सामान्य इन्फ्लूएंजा जैसा है”.

दिल्ली ने अस्पतालों को इंफ्लुएंजा जैसी बीमारी (ILI) और गंभीर तीव्र श्वसन बीमारी (SARI) के मामलों को एकीकृत स्वास्थ्य डेटा प्लेटफ़ॉर्म पर दैनिक अपलोड करने का निर्देश दिया है. नोएडा और गाजियाबाद जैसे दिल्ली-एनसीआर के शहरों में भी कोरोनावायरस के मामले दर्ज किए गए हैं. शनिवार को नोएडा में चल रही लहर में पहला कोविड मरीज (55) सामने आया. वहीं गाजियाबाद में भी अब तक चार मामले सामने आ चुके हैं.

केरल में सबसे ज्यादा 273 संक्रमित मिले

केरल में मई में सबसे ज्यादा 273 संक्रमित मिले हैं. जिसके चलते स्वास्थ्य मंत्री ने सभी जिलों में निगरानी बढ़ाने का निर्देश दिया है. राज्य ने अस्पतालों में मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है और खांसी के लक्षण वाले लोगों को चेहरे को ढकने की सलाह दी है. वहीं, पड़ोसी कर्नाटक में भी कोविड के मामलों में मामूली वृद्धि देखी गई है. यहां 35 संक्रमित दर्ज किए गए हैं. इनमें होसकोटे का नौ महीने का बच्चा भी शामिल है. राज्य में गंभीर श्वसन बीमारी (SARI) के लक्षण वाले लोगों को जांच करवाने की सलाह दी गई है.

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मुंबई में मिले 95 संक्रमित

मई में अब तक मुंबई में 95 मामले सामने आए हैं, जो महाराष्ट्र के कुल कोविड संक्रमणों में से सबसे अधिक है. हालांकि, अस्पताल में भर्ती होने की दर कम रही है, जहां केवल 16 मरीज़ भर्ती हुए हैं. BMC ने SARI लक्षणों वाले सभी रोगियों के लिए कोविड जांच की सलाह दी है. महाराष्ट्र के ठाणे में पिछले तीन दिनों में कोविड के 10 मामले सामने आए हैं. स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि सभी स्वास्थ्य केंद्रों में दवाओं का पर्याप्त स्टॉक रखा गया है.

हालांकि आंध्र प्रदेश में मामलों में कोई उछाल नहीं आया है, लेकिन इसने स्वास्थ्य सुविधाओं को टीकों, पीपीई किट और ट्रिपल-लेयर मास्क की पर्याप्त आपूर्ति बनाए रखने का निर्देश दिया है. कोविड प्रभावित देशों, खासकर एशियाई देशों से लौटने वालों को परीक्षण कराने की सलाह दी गई है.

अहमदाबाद में एक दिन में मिले 20 मरीज

गुजरात के अहमदाबाद में एक ही दिन में कोरोना के 20 केस दर्ज हुए है. अहमदाबाद नगर निगम के मुताबिक शहर में मई महीने के दौरान कोरोना के 39 केस अब तक दर्ज किए गए है. जिनमें से 8 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं लेकिन 31 मरीज अभी भी कोरोना पॉजिटिव हैं. अहमदाबाद में कोरोना के सबसे अधिक 10 केस उत्तर पश्चिम जोन में दर्ज हुए हैं.

अहमदाबाद के सीनियर फिजिशियन डॉक्टर प्रवीण गर्ग का कहना है कि, मौजूदा परिस्थिति सम्पूर्ण नियंत्रित है. किसी को डरने की कोई आवश्यकता नहीं है. कोरोना मरीजों की संख्या इतनी ज़्यादा भी नहीं है की, कोई अभी से डरे और बूस्टर डोज की जरूरत महसूस हो. लोगों को समझदारी दिखाने की जरूरत है. जिनकी इम्युनिटी कम हैं, उन्हें भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क लगाने की जरूरत है. हर किसी को मास्क पहनकर निकलने की जरूरत नहीं है.

डॉक्टर प्रवीण गर्ग ने कहा, अभी विश्व में JN-1 वेरियंट से केस बढ़ने की ख़बर आ रही है लेकिन भारत में अभी बहुत कम केस हैं. ऐसे में किस वेरियंट से केस बढ़ रहे है ये स्पष्ट नहीं है. हालांकि JN-1 वेरियंट से राहत की बात ये है कि इससे ज़्यादा मौत नहीं हो रही है. लेकिन बच्चों, बुजुर्ग और गर्भवती महिला महिलाओं को सावधानी बरतना जरूरी है.

(इनपुट- अतुल तिवारी, भूपेंद्र चौधरी)
 



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