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PAK के साथ-साथ ऑपरेशन सिंदूर से चीन भी बौखलाया! भारत के खिलाफ चलीं ये 4 चाल – Operation Sindoor Along with Pakistan China too rattled four moves were made against India ntc

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हिंदुस्तान के खिलाफ कुछ भी हो, तो उसमें चीन का हाथ निकल ही आता है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान से ज्यादा चीन परेशान है. इसकी वजह ये है कि पाकिस्तान चीन की कॉलोनी है सारी दुनिया जानती है कि ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान के चीनी हथियार काम नहीं आए. पाकिस्तान अगर कमजोर हुआ तो चीन की ताकत कमजोर होगी, इसलिए जिनपिंग ने ऑपरेशन सिंदूर खत्म होते ही पाकिस्तान के विदेश मंत्री को बुलाया. साथ ही तालिबान के विदेश मंत्री को भी बीजिंग आने का न्योता दिया और पाकिस्तान को मजबूत करने के लिए उसने भारत के खिलाफ 4 चाल चलनी शुरू कर दी हैं.

1. बीजिंग में चीन बड़ी बैठक कर रहा है. इस बैठक में अफगानिस्तान-पाकिस्तान एक साथ उसने बैठाए, इसका मकसद तालिबान-पाकिस्तान में दोस्ती करवाना है.

2. चीन भारत की वाटर स्ट्राइक से पाकिस्तान को बचाने में भी जुट गया है. चीन ने भरोसा दिया कि वो पाकिस्तान के खैबरपख्तूनख्वा में बन रहे मोहम्मद बांध का काम जल्द पूरा करेगा. इस डैम के बन जाने से पाकिस्तान को बिजली मिलेगी और पेशावर शहर में पानी की किल्लत कम होगी. 

3. भारत के खिलाफ चीन की तीसरी चाल पाकिस्तान को J-35A की डिलिवरी में तेजी लाना है. J-35A चीन का स्टील्थ लड़ाकू विमान है. जिस तरह से ऑपरेशन सिंदूर में पाकिस्तान की सेना की पिटाई हुई है, उससे चीन परेशान है और वो चाहता है कि पाकिस्तान की वायुसेना उसके सबसे खतरनाक लड़ाकू विमान से जल्द से जल्द लैस हो जाए. 

4. चीन की साजिशें हिंदुस्तान को घेरने की भी हैं, वो बांग्लादेश में एयफील्ड बना रहा है, पाकिस्तान की तरह मोहम्मद यूनुस भी उसके इशारे पर चल रहे हैं. भारतीय सीमा के नजदीक लालमोनिहराट एयरबेस को विकसित करने की चीन तैयारी कर रहा है, जो चिकन नेक के बहुत करीब है. चीन चाहता है कि इससे भारतीय सुरक्षा को बड़ा खतरा पैदा हो.

ऑपरेशन सिंदूर ने PAK के साथ चीन की भी निकाली हेकड़ी

ऑपरेशन सिंदूर ने सिर्फ पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर की ही हेकड़ी नहीं निकाली है, बल्कि शी जिनपिंग के सामने भी मुश्किल खड़ी कर दी हैं, जिसका सपना अमेरिका की तरह बड़ा हथियारों का सौदागर बनना है, लेकिन भारत ने चीन के हथियारों की 4 दिन में पोल खोल दी. इसलिए अब चीन की तरफ से J-35A देने की बात हो रही है. लेकिन हिंदुस्तान ने चीन की इस चालाकी का भी इलाज ढूंढ लिया है. जिस J-35A को पाकिस्तान भारत के खिलाफ अपना सबसे बड़ा हथियार समझ कर खुश हो रहा है, उसे निपटाने की तैयारी हिंदुस्तान शुरू कर चुका है. आइए जानते हैं कि हिंदुस्तान चीन के सबसे शक्तिशाली लड़ाकू विमान को कैसे धूल चटाएगा?

इस टेक्नीक से ढेर होगा चीन का सबसे विध्वंसक लड़ाकू विमान 

25 साल पहले रडार तकनीक की होड़ में भारत पिछड़ गया था, पहले AESA यानी एक्टिव इलेक्ट्रॉनिक स्कैन्ड ऐरे रडार इस्तेमाल होता था. भारत के पास ये तकनीक नहीं थी. विदेश से खरीदकर विमानों पर लगाना भी इसे महंगा था. इसलिए भारत ने इस पर काम करना शुरू किया और स्वदेशी रडार बना डाला. इसी रडार के भरोसे अब हिंदुस्तान चीन के सबसे विध्वंसक लड़ाकू विमान को ढेर करने की तैयारी कर रहा है.

चीन के J-35A के बारे में जानिए…

J-35A की लंबाई 17.3 मीटर है. विंग स्पैन 11.5 मीटर का है. इसकी अधिकतम उड़ान क्षमता 28 टन है. ये मैक 1.8 की रफ्तार से उड़ता है और इस पर 8 हजार किलोग्राम के विस्फोटक होते हैं. इसकी रेंज 1200 किलोमीटर है. इस तरह देखने सुनने में ये वाकई में बेहद खतरनाक लड़ाकू विमान लगता है, लेकिन दुनिया के किसी भी युद्ध में इसका इस्तेमाल नहीं हुआ है. चीन जो बोल रहा है-इस पर किसी एजेंसी ने मुहर नहीं लगाई है. मतलब चीन के बाकी हथियारों की तरह उसका ये हथियार रहस्य से भरा हुआ है.

हथियार खरीदने से बिगड़ेगी PAK की अर्थव्यवस्था

पाकिस्तान और चीन की नजदीकियों के बीच भारत के लिए एक एंगल ये भी है कि आसिम मुनीर जितने ज्यादा हथियार खरीदेगा. पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति उतनी ही खराब होगी. पाकिस्तान उतना ज्यादा कर्जदार होगा. पाकिस्तान में गरीबी महंगाई उतनी ही बढ़ेगी. वो अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो पाएगा. अब सोचिए चीन अपने सबसे खतरनाक लड़ाकू विमान पाकिस्तान को फ्री में तो देगा नहीं, इसके लिए पाकिस्तान को बहुत बड़ी कीमत चुकानी होगी.



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