China Closeness Impact: ड्रैगन से यारी पड़ने लगी भारी… अब भारत के निशाने पर बांग्लादेश, दे दी ये करारी चोट – China closeness impact on Bangladesh India bans land port entry for several goods as trade friction deepens tutc

पहलगाम आतंकी हमले के बाद (Pahalgam Terror Attack) के बाद भारत और पाकिस्तान में चरम पर पहुंचे तनाम और दोनों ओर से हुए हमलों के बीच चीन का पाक प्रेम सभी ने देखा, China ने खुलकर पाकिस्तान का समर्थन किया. हालांकि, Indo-PAK Ceasefire हो चुका है, तो अब हाल ही में बांग्लादेश की ओर से भी चीन में भारत के लिए विवादित टिप्पणियां की गईं. लेकिन ड्रैगन से बांग्लादेश (Bangladesh) की ये यारी उसी पर भारी पड़ती नजर आ रही है और भारत के एक कदम ने ही उसे करारी चोट दे दी है.
बांग्लादेश पर भारत ने उठाया बड़ा कदम
चीन से नजदीकियों का असर बांग्लादेश पर दिखने लगा है और व्यापार तनाव बढ़ने के कारण भारत ने बांग्लादेश के कई सामानों के लिए भारतीय बंदरगाह प्रवेश पर प्रतिबंध (India Bans Land Port For Bangladesh) लगा दिया. भारत की ओर से यह कदम बीते 9 अप्रैल को भारत द्वारा 2020 में दी गई ट्रांसशिपमेंट सुविधा को वापस लेने के बाद उठाया गया है, जिसने बांग्लादेश को भारतीय बंदरगाहों और यहां तक कि दिल्ली हवाई अड्डे के माध्यम से मध्य पूर्व और यूरोप को निर्यात करने की अनुमति दी थी. शनिवार 17 मई को को बांग्लादेश से आयातित कई तरह के सामानों पर बंदरगाहों पर बैन लगा दिया गया, जिनमें रेडीमेड गारमेंट और प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट भी शामिल हैं.
इन बांग्लादेशी सामानों के लिए भारतीय पोर्ट बंद
विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) द्वागा शनिवार को जारी नोटिफिकेशन में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि बांग्लादेश से रेडीमेड कपड़ों का आयात अब केवल सिर्फ दो बंदरगाहों न्हावा शेवा और कोलकाता पोर्ट तक ही सीमित रहेगा, जबकि अन्य सभी लैंड पोर्ट्स से आयात प्रतिबंधित रहेगा. मतलब साफ है कि अब Bangladesh लैंड पोर्ट की बजाए सी पोर्ट के जरिए ही निर्यात कर पाएगा. डीजीएफटी के निर्देश में आगे कहा गया कि फल, फलों के स्वाद वाले कार्बोनेटेड पेय, स्नैक्स, चिप्स और कन्फेक्शनरी समेत प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट्स के साथ ही कपास अपशिष्ट, प्लास्टिक के सामान, रंग और लकड़ी के फर्नीचर जैसे कई सामानों को लिस्टेड किया गया है.
इनके लिए बांग्लादेश से आने वाले शिपमेंट को असम, मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम और विशेष रूप से पश्चिम बंगाल में चंगराबांधा और फुलबारी में स्थित किसी भी भूमि सीमा शुल्क स्टेशन (LCS) या एकीकृत चेक पोस्ट (ICP) के माध्यम से प्रवेश करने से रोक दिया गया है. हालांकि, मछली, एलपीजी, खाद्य तेल के लिए छूट दी गई है, जो इन बंदरगाहों के माध्यम से प्रवेश करना जारी रख सकते हैं. भारत की ओर से इन बदलावों को तत्काल प्रभाव से भारत की आयात नीति में शामिल कर दिया गया है. प्लास्टिक पाइप लकड़ी के फर्नीचर या प्लास्टिक के दूसरे उत्पादों पर भी लैंड पोर्ट के रास्ते निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया है.
अब निकलेगी बांग्लादेश की हेकड़ी
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस द्वारा की गई विवादास्पद टिप्पणियों के बाद भारत और बांग्लादेश के बीच संबंधों में ये तनाव देखने को मिला है और खास बात ये है कि उन्होंने ये टिप्पणियां चीन में जाकर की हैं. हाल ही में चीन के इशारे पर नाच रहे यूनुस ने वहां का दौरा किया और इस दौरान दावा किया था कि भारत के पूर्वोत्तर राज्य भूमि से घिरे हुए हैं और समुद्र तक पहुंच के लिए बांग्लादेश पर निर्भर हैं. उन्होंने बांग्लादेश को इस क्षेत्र में हिंद महासागर का एकमात्र संरक्षक बताते हुए China को अपने व्यापार मार्गों का उपयोग करने का निमंत्रण दिया. ऐसे में इसके जवाब में भारत की ओर से बांग्लादेशी सामानों के आयात के लिए पोर्ट्स बैन करने का कदम उसकी हेकड़ी निकालने की दिशा में उठाया गया.
ऐसे होगा बांग्लादेश का नुकसान
भारत के इस कदम से बांग्लादेश को बड़ी आर्थिक चोट लगने वाली है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बांग्लादेश और भारत के बीच अब तक जो भी व्यापार होता था, उसका करीब 93 फीसदी लैंड पोर्ट्स के जरिए ही होता था, लेकिन भारत के नए कदम से बांग्लादेशी प्रोडक्ट्स कोलकाता या फिर महाराष्ट्र के न्हावा शेवा बंदरगाह के जरिए ही आ सकेंगे और इसका सीधा असर बांग्लादेशी निर्यात की लागत में बढ़ोतरी के रूप में दिखेगा. इसे उदाहरण से समझें तो वैश्विक कपड़ा क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी बांग्लादेश ने 2023 में 38 अरब डॉलर के रेडीमेड कपड़ों का निर्यात किया था, जिसमें भारत को 700 मिलियन डॉलर शामिल हैं. ऐसे में साफ है कि भारत के एक्शन से उसे भारी नुकसान होने वाला है.