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दो दिन की चुप्पी के बाद पीएम मोदी ने पाकिस्तान ही नहीं डोनॉल्ड ट्रंप को भी इशारों में दिखाया आईना – PM Modi statement to the nation shows the mirror not only to Pakistan but also to Donald Trump opns2

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10 मई को भारत-पाकिस्‍तान के बीच हुए सीजफायर को पाकिस्तान अपने कूटनीतिक जीत के रूप में प्रचारित कर रहा था. पाकिस्तान अपने देशवासियों के बीच इस बात का दावा करता रहा कि वैश्विक दबाव में भारत को पीछे हटना पड़ा. पाकिस्तानी मीडिया और नेताओं के झूठे दावों के बाद वहां जश्न का माहौल था. लोग विजय जुलूस निकाल रहे थे और पटाखे छोड़ रहे थे. यह भारत विशेषकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए निश्चित ही बहुत परेशानी भरा था. क्योंकि भारत में सीजफायर को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं थीं. मोदी सरकार के लिए मुश्किल यह भी था कि बीजेपी समर्थक और पूर्व सैन्य अधिकारी भी इसे आतंकवाद के खिलाफ अधूरी कार्रवाई मान रहे थे. दूसरी तरफ कांग्रेस नेता तो जैसे पाकिस्तान की ही भाषा बोल रहे थे. कांग्रेस नेता भूपेश बघेल ने तो यहां तक कह दिया कि क्या यह अमेरिकी दबाव का नतीजा था?

जाहिर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह सब दो दिन से सुन और समझ रहे थे. जैसा कि उनकी आदत है कि वह हर बात को नोट करते हैं और समय आने पर उसका जवाब देते हैं. सीजफायर के 2 दिन बाद आज सोमवार 12 मई को पीएम मोदी ने राष्ट्र के नाम संदेश में 20 मिनट के स्पीच में ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और आतंकवाद के खिलाफ भारत के अडिग रुख पर ऐसा जोरदार भाषण दिया कि पाकिस्तान एक बार फिर सकते में आ गया होगा. पीएम आज पाकिस्तान के खिलाफ बोलते हुए जिस अंदाज में दिखे आम तौर पर वो उस तरह नहीं दिखते रहे हैं. उन्होंने न केवल पाकिस्तान को चेताया बल्कि अमेरिका सहित दुनिया को भी संदेश दिया कि भारत अब किसी भी कीमत पर आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं करने वाला है.

पीएम ने आज के स्पीच में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का नाम तो नहीं लिया पर अपरोक्ष रूप से उन्होंने अमेरिकी राष्ट्पति को भी संदेश दे दिया कि आतंकवाद पर वो किसी की नहीं सुनने वाले हैं. डोनाल्ड ट्रंप ने सीजफायर का श्रेय लेते हुए भारत और पाकिस्तान को एक ही तराजू पर तौलने की कोशिश की थी. उन्होंने भारत में तीसरी बार जनता से चुनकर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना पाकिस्तान की सेना के रहमोकरम पर निर्भर पीएम शहबाज शरीफ से करते हुए दोनों को महान बताया था. 

जैसा कि हमने आम तौर पर देखा है कि पीएम दुनिया के सबसे ताकतवर देश के नेता डोनाल्ड ट्रंप हों या दुनिया का किसी महत्वहीन देश का राष्ट्राध्यक्ष हो पीएम उसके ट्वीट को रिट्वीट जरूर करते रहे हैं. अगर बात भारत की होती है तो तब तो पीएम कुछ लिखते भी जरूर हैं.  पर हैरानी वाली बात यह रही कि उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति के सीजफायर  वाली बात को न तो रिपोस्ट किया और न ही उस पर कुछ लिखने की जहमत उठाई. इतना नहीं पिछले 2 दिन में उन्होंने पाकिस्तान  या युद्ध के विषय में न कुछ लिखा और न ही कुछ बोला. यह साफ संकेत था कि अंदर ही अंदर उनके मन में कुछ तो चल रहा है. आज राष्ट्र के नाम संदेश में उसकी परिणीति दिखी.

पीएम मोदी ने साफ कहा कि अब पाकिस्तान से सिर्फ टेरर और पीओके पर बात होगी. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान आतंक की फैक्ट्री है जहां से पूरी दुनिया को टेररिस्ट सप्लाई होते रहे हैं. उन्होंने अमेरिका में 9/11 और लंदन के ट्यूब में हुए हमले का जिक्र करते हुए कहा कि इन घटनाओं में भी आतंकियों की सप्लाई पाकिस्तान से ही हुई थी. उन्होंने इन घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि भारत किसी भी कीमत पर आतंक को बर्दाश्त नहीं करेगा. उनका साफ इशारा था कि दुनिया भले ही ऐसी घटनाओं पर चुप रहे पर भारत कार्रवाई के लिए किसी भी हद तक जाएगा.

उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर स्थगित नही्ं हुआ है , भारत की सेनाएं चौकन्नी हैं. उनके कहने का आशय यही था कि जरूरत होने पर भारत फिर से वही एक्शन दुहराएगा. यह सब कहते हुए पीएम मोदी के चेहरे का भाव बेहद सख्त और भुजाएं भिंच हुईं थीं. उन्होंने कहा कि भारत किसी भी न्यूक्लियर ब्लेकमेलिंग में नहीं झुकने वाला है. दरअसल सीजफायर के बाद ऐसी बातें सामने आईं थीं कि अमेरिका ने भारत को युद्धविराम के लिए इसी बात पर राजी किया था कि पाकिस्तान एटमी हथियारों का इस्तेमाल कर सकता है. मोदी ने भारतीय सेनाओं और सशस्‍त्र बलों को सैल्‍यूट करते हुए पाकिस्‍तान के लिए  उसकी हदें तय करके अमेरिका को संदेश दे दिया है.

मोदी ने कहा कि टेरर और ट्रेडिंग, टेरर और टॉक एक साथ नहीं चल सकते. यह ट्रंप के उस बात का सीधा जवाब था जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह दिखाने की कोशिश की थी कि वो दोनों देशों के बीच सुलह करा देंगे. दरअसल ट्रंप ने सीजफायर कराने के बाद कुछ ऐसी बातें कहीं थी जिसका मतलब था कि वह कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता करने के लिए तैयार हैं.ट्रंप ने यह भी कहा था वह दोनों देशों के बीच ट्रेड करेंगे. पीएम मोदी ने जिस तरह की आज बातें की हैं उनका साफ इशारा था कि दुनिया में कोई पाकिस्तान और उसके आतंकवाद के मामले में चौधरी बनने की सोच रहा है तो वो मुगालते में न रहे.

पीएम मोदी ने जिस तरह भारत में स्वदेशी हथियारों की तारीफ की उसका एक आशय यह भी था कि भारत अब अपनी सुरक्षा खुद कर सकता है. दरअसल ऐसा पहली बार हुआ जब ऑपरेशन सिंदूर जैसे किसी अभियान की सफलता के पीछे विदेशी हथियारों की जगह स्वदेशी हथियार काम आए हैं. पाकिस्तान को धूल चटाने में ब्रह्मोस मिसाइलों की सबसे अहम भूमिका रही है. ब्रह्मोस का निर्माण भारत में ही रूस के सहयोग से हुआ है. हालांकि पीएम मोदी ने न ब्रह्मोस की चर्चा की और न ही रूस का नाम लिया पर दुनिया को संदेश दे ही दिया की भारत में बने हथियार अब युद्ध में निर्णायक भूमिका निभाते हैं. भारत अब आधुनिक हथियारों के लिए अमेरिका जैसे देशों पर  निर्भर नहीं है.
 



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