operation sindoor – आज ‘रो’ रहा मसूद अजहर, भारत की मार में उजड़ा जिसका कुनबा! पढ़िए उसके आतंक का काला चिट्ठा – india air strike on pakistani terrorist masood azhar jaish e mohammed terrorist organisation family members killed his bad deeds pvpw

आतंकवाद के खिलाफ भारत की सैन्य कार्रवाई में पाकिस्तान के टॉप आतंकी मसूद अजहर का कुनबा उजड़ गया. भारत की एयरस्ट्राइक में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी अजहर के परिवार के 10 सदस्य मारे गए हैं जबकि उसके चार गुर्गे भी ढेर हो गए हैं. पाकिस्तान के बहावलपुर में भारत की एयरस्ट्राइक में अजहर का परिवार तबाह हो गया है. जैश-ए-मोहम्मद ने बयान जारी कर इस घटना की पुष्टि की है. एयरस्ट्राइक में मारे गए अजहर के परिवार के सदस्यों और करीबियों को आज ही दफ्नाया जाएगा.
पाकिस्तान के बहावलपुर में जन्मा है मसूद अजहर
मसूद अजहर, भारत और दुनिया के मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादियों में शुमार है, जिसका जन्म 10 जुलाई 1968 को पाकिस्तान के बहावलपुर शहर में हुआ था. उनके परिवार में 9 अन्य भाई-बहन थे और उनका पिता अल्लाह बख्श शब्बीर एक सरकारी स्कूल का प्रधानाध्यापक था. उनका परिवार डेयरी और पोल्ट्री के कारोबार से जुड़ा हुआ था. मसूद अजहर का बचपन एक सामान्य परिवार में बीता, लेकिन उसकी विचारधारा और दिशा समय के साथ बेहद खतरनाक हो गई.
कराची में हुई थी रकत-उल-अंसार आतंकी संगठन से पहचान
अजहर ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा कराची के बानुरी नगर स्थित जामिया उलूम उल इस्लामिया मदरसे से प्राप्त की. वहीं पर उसका संपर्क हरकत-उल-अंसार जैसे आतंकी संगठन से हुआ, जो उस समय अफगानिस्तान में सक्रिय था. यह संगठन अफगानिस्तान में सोवियत संघ के खिलाफ संघर्ष में शामिल था, लेकिन बाद में यह पाकिस्तान में अपनी गतिविधियों को बढ़ा चुका था. इस दौरान मसूद अजहर ने आतंकी गतिविधियों और विचारधाराओं की ओर रुझान बढ़ाया.
जैश-ए-मोहम्मद की स्थापना
मसूद अजहर ने बाद में उर्दू पत्रिका साद-ए-मुजाहिद्दीन और अरबी पत्रिका सावत-ए-कश्मीर का संपादन भी किया, जो दोनों पत्रिकाएं आतंकवाद और जिहादी विचारधारा को बढ़ावा देती थीं. इस सबके बीच, मसूद अजहर ने अपने संगठन जैश-ए-मोहम्मद की स्थापना की, जिसका उद्देश्य कश्मीर को भारत से अलग करना था. इस संगठन ने समय-समय पर भारत में कई आतंकवादी हमलों को अंजाम दिया, जिनमें सबसे प्रमुख 1999 में हुआ आईसी-814 विमान अपहरण था, जिसमें मसूद अजहर को भारत से रिहा किया गया था. इसके बाद उसने अपने संगठन को मजबूत किया और कई घातक हमले किए, जिनमें प्रमुख रूप से 2001 का आईपीएस भवन हमला और 2016 का उरी हमला शामिल हैं.
उरी, पुलवामा हमले का जिम्मेजार है मसूद अजहर
2002 में, जब जैश-ए-मोहम्मद पर प्रतिबंध लगाया गया, तो मसूद अजहर इतना चतुर था कि उसने संगठन का नाम बदलकर ‘ख़ुद्दाम-उल-इस्लाम’ कर दिया, ताकि अंतर्राष्ट्रीय दबाव से बच सके. इसके बावजूद, संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्रिटेन और भारत जैसे देशों ने इस संगठन को आतंकवादी घोषित कर दिया और इसके सरगना मसूद अजहर को ‘आतंकवादियों की सूची’ में शामिल किया. मसूद अजहर का मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान द्वारा पोषित कश्मीर विवाद को और बढ़ावा देना था, और वह पाकिस्तान के आतंकी ढांचे का अहम हिस्सा बना हुआ था. हालांकि पाकिस्तान सरकार ने इस संगठन पर बैन लगाकर केवल दिखावा किया, लेकिन वास्तव में मसूद अजहर को पाकिस्तान की छिपी हुई सहमति और संरक्षण प्राप्त था. पाकिस्तान का यह रवैया वैश्विक मंचों पर आलोचना का कारण बना है, और वह अक्सर अंतरराष्ट्रीय समुदाय के निशाने पर रहा है.
1999 हवाई जहाज को हाईजैक करने के लिए भी जिम्मेदार
24 दिसंबर 1999 को इंडियन एयरलाइंस का विमान आईसी 814 काठमांडू से दिल्ली के लिए उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद हाईजैक हो गया, विमान में 178 यात्री सवार थे, और इसे पांच पाकिस्तानी आतंकियों ने कब्जा कर लिया. आतंकियों ने विमान को लाहौर और दुबई होते हुए अफगानिस्तान के कांधार पहुंचाया और यात्रियों की रिहाई के बदले भारतीय जेलों में बंद 35 आतंकवादियों की रिहाई और 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर की मांग की. छह दिन की बातचीत के बाद, भारत सरकार ने तीन आतंकवादियों, मौलाना मसूद अजहर, अहमद उमर सईद शेख और मुश्ताक अहमद ज़रगर की रिहाई पर सौदा किया. इस सौदे के तहत 148 बेगुनाह लोगों की जान बचाई गई.
जैश-ए-मोहम्मद की काली करतूतें
आरोप है कि दिसम्बर 2001 में जैश ने लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर भारतीय संसद पर आत्मघाती हमला किया था. साथ ही फ़रवरी 2002 में जैश ने अमेरिकी पत्रकार डैनियल पर्ल की गर्दन काटकर उसे मार दिया. मई 2009 में जैश का सदस्य होने का दावा करने वाले चार लोगों को न्यूयार्क में एक यहूदी मंदिर उड़ाने और अमेरिकी सैनिक विमानों पर मिसाइल चलाने का षड्यंत्र रचने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया था. इसके अलावा 2016 में पठानकोट हमले में भी इसी आतंकी संगठन का नाम आया था.