अमेरिका-यूक्रेन के बीच हुआ खनिज समझौता, ट्रंप की प्रेशर पॉलिटिक्स के बाद लगी रणनीतिक साझेदारी पर मुहर – America and Ukraine announce Mineral deal strategic partnership sealed after Trump pressure politics ntc

अमेरिका और यूक्रेन ने एक बड़ा आर्थिक समझौता किया है, जिसके तहत दोनों देशों ने यूएस-यूक्रेन रिकंस्ट्रक्शन इन्वेस्टमेंट फंड बनाने पर सहमति जताई है. इस समझौते के जरिए अमेरिका को यूक्रेन के दुर्लभ खनिज संसाधनों में हिस्सेदारी मिलेगी. ये घोषणा दोनों देशों ने संयुक्त रूप से की. समझौते का उद्देश्य रूस के हमले के बाद यूक्रेन के पुनर्निर्माण में अमेरिका की मदद को आर्थिक साझेदारी में बदलना है.
समाचार एजेंसी AP की रिपोर्ट के मुताबिक ये करार तब हुआ है जब ट्रंप ने यूक्रेन से मांग की कि वह अमेरिका को रूस के खिलाफ युद्ध में मिली मदद का भुगतान करे.
वहीं, अमेरिकी वित्त मंत्रालय ने कहा कि यह समझौता राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की अगुवाई में हुआ है. इस फंड का संचालन अमेरिका का ट्रेजरी डिपार्टमेंट और इंटरनेशनल डिवेलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (DFC) मिलकर करेंगे.
वित्त मंत्री स्कॉट बेसेन्ट ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप की शांति के लिए की गई कोशिशों के चलते आज यह ऐतिहासिक समझौता हुआ है. यह रूस को साफ संदेश देता है कि अमेरिका एक स्वतंत्र, संप्रभु और समृद्ध यूक्रेन के साथ खड़ा है. उन्होंने ये भी साफ किया कि रूस को हथियार या आर्थिक मदद देने वाले किसी भी देश या व्यक्ति को यूक्रेन के पुनर्निर्माण में कोई लाभ नहीं मिलेगा.
यूक्रेन और अमेरिका दोनों ने इस साझेदारी को जल्द से जल्द अमल में लाने का भरोसा जताया है, ताकि दोनों देशों की जनता को इसका सीधा लाभ मिल सके. इस समझौते के जरिए अमेरिका को यूक्रेन के महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधनों जैसे एल्युमिनियम, ग्रेफाइट, तेल और गैस में प्राथमिकता से निवेश करने का अधिकार मिलेगा. इसे “यूएस-यूक्रेन रिकंस्ट्रक्शन इन्वेस्टमेंट फंड” कहा गया है.
यूक्रेन की उप प्रधानमंत्री यूलिया स्विरिडेंको ने बताया कि ये डील वॉशिंगटन में 30 अप्रैल को साइन की गई. इससे पहले यह फरवरी में राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की के अमेरिका दौरे के दौरान साइन होनी थी, लेकिन व्हाइट हाउस में ट्रंप और ज़ेलेंस्की के बीच विवाद के चलते वह टल गई थी.
ये समझौता ऐसे समय हुआ है जब रूस से चल रहे युद्ध में यूक्रेन को अमेरिका की मदद की सख्त ज़रूरत है. यूक्रेन इसे अमेरिकी समर्थन बनाए रखने की रणनीति का हिस्सा मान रहा है. यूक्रेनी प्रधानमंत्री डेनिस श्मिहाल ने इसे दोनों देशों के बीच “रणनीतिक निवेश साझेदारी” बताया.